دسترسی نامحدود
برای کاربرانی که ثبت نام کرده اند
برای ارتباط با ما می توانید از طریق شماره موبایل زیر از طریق تماس و پیامک با ما در ارتباط باشید
در صورت عدم پاسخ گویی از طریق پیامک با پشتیبان در ارتباط باشید
برای کاربرانی که ثبت نام کرده اند
درصورت عدم همخوانی توضیحات با کتاب
از ساعت 7 صبح تا 10 شب
دسته بندی: دین ویرایش: نویسندگان: Dr. Ganga Sahay Sharma, Dr. Rekha Vyas سری: Vedas ISBN (شابک) : 9350652234 ناشر: Vishv Books Private Ltd. سال نشر: 2014 تعداد صفحات: 1853 زبان: Hindi فرمت فایل : PDF (درصورت درخواست کاربر به PDF، EPUB یا AZW3 تبدیل می شود) حجم فایل: 12 مگابایت
کلمات کلیدی مربوط به کتاب ریگودا (هندی) ریگودا: هندوئیسم
در صورت تبدیل فایل کتاب Rigveda (Hindi) ऋग्वेद به فرمت های PDF، EPUB، AZW3، MOBI و یا DJVU می توانید به پشتیبان اطلاع دهید تا فایل مورد نظر را تبدیل نمایند.
توجه داشته باشید کتاب ریگودا (هندی) ریگودا نسخه زبان اصلی می باشد و کتاب ترجمه شده به فارسی نمی باشد. وبسایت اینترنشنال لایبرری ارائه دهنده کتاب های زبان اصلی می باشد و هیچ گونه کتاب ترجمه شده یا نوشته شده به فارسی را ارائه نمی دهد.
\r\n\r\n\r\n \r\n\r\n\r\n\r\n\r\n
ऋग्वेद आर्यों एवं भारतीयों की ही नहीं, विश्व की सब से प्राचीन पुस्तक है। सब से प्राचीन संस्कृति-वैदिक संस्कृति के प्राचीनतम लिखित प्रमाण होने के कारण ऋग्वेद की महत्ता सर्वमान्य है- फिर भी ऋग्वेद की ऋचाओं का ऋषियों ने ईश्वरीय ज्ञान के रूप में साक्षात्कार किया था या उन्होंने उन की रचना की थी, यह विषय विवादास्पद है। ऋग्वेद का प्रस्तुत अनुवाद सायण भाष्य पर आधारित है। सायण ने चार वेदों पर पूर्ण भाष्य लिखे हैं और वे उपलब्ध भी हैं। उन्हें देशविदेश में विश्वविद्यालय स्तर पर मान्यता प्राप्त है। सायण ने ऋचाओं के प्रत्येक शब्द का विस्तार से अर्थ दिया है। प्रत्येक शब्द की व्याकरण सम्मत व्युत्पत्ति दी है तथा उन्होंने अपने समय के अनेक ग्रंथों के उद्धरण दे कर अपने अर्थ की पुष्टि की है। सायण के अनुसार अधिकांश मंत्र मानवजीवन से ही संबंधित हैं। इस प्रकार एकमात्र सायण ही ऐसे भाष्यकर्ता हैं, जिन्होंने बिना किसी पूर्वाग्रह के वेद मंत्रें का अर्थ किया है और उन के भाष्य के आधार पर साधारण पाठक वैदिक कालीन संस्कृति का सही रूप समझपरख सकता है।
शीर्षक पेज कॉपीराइट पेज अपनी बात प्रथम मंडल द्वितीय मंडल तृतीय मंडल चतुर्थ मंडल पंचम मंडल षष्ठम मंडल सप्तम मंडल अष्टम मंडल नवम मंडल दशम मंडल