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دسته بندی: تاریخ ویرایش: 1 نویسندگان: Rajiv Malhotra سری: ISBN (شابک) : 9351160173 ناشر: HarperHindi سال نشر: 2013 تعداد صفحات: 440 زبان: Hindi فرمت فایل : PDF (درصورت درخواست کاربر به PDF، EPUB یا AZW3 تبدیل می شود) حجم فایل: 4 مگابایت
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کلمات کلیدی مربوط به کتاب متفاوت بودن: چالشی هندی برای جهان گرایی غربی: هندوئیسم
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1. दुस्साहस भिन्नता का विचारों में विविधता (Pluralism) के ढोंग को भेदना भिन्नता-जनित व्यग्रता अथवा परस्पर सम्मान? हड़पना और आत्मसात करना व्यग्रता का असत्यपूर्ण समाधान पूर्वपक्ष: विपरीत/प्रतिलोम अवलोकन 2. योग — इतिहास से मुक्ति परमेश्वर को समझने (जानने) के दो मार्ग धार्मिक परम्पराएँ यहूदी-ईसाई पन्थ पश्चिमी श्रोताओं के लिए धर्म की व्याख्या पश्चिमी लोगों के लिए उत्तेजक प्रश्न धर्म और प्रत्यक्ष अनुभव इतिहास वास्तव में इतिहास (History) एवं मिथक के साथ और भी बहुत कुछ है इतिहास बनाम मिथक सन्निहित (स्वानुभूत) ज्ञान की साधना-पद्धति इतिहास-केन्द्रिक ढाँचा कैसे काम करता है 3. कृत्रिम एकता एवं समग्र एकता समग्र एकता एवं कृत्रिम एकता की व्याख्या वैश्विक तत्वों की तुलना इन्द्र-जाल ‘बन्धु’-समरूपता का सिद्धान्त काल, नित्य परिवर्तन एवं अ-रेखीय चक्रीय कार्य-कारण परिदृश्य एवं सापेक्ष ज्ञान स्वतन्त्रता एवं बहुलता पश्चिम की कृत्रिम एकता पश्चिम को गढ़ने हेतु टेम्पलटन योजना पश्चिमी मतों का उदय—निहित समस्याएँ ईसाई हठधर्मिता एवं यूनानी दलीलें—एक विसंगति पश्चिम के पाँच कृत्रिम आन्दोलन 4. व्यवस्था और अव्यवस्था भारतीय ‘अव्यवस्था’ और पश्चिमी चिन्ताएँ अराजकता के साथ भारतीयों का धैर्य पवित्र आख्यान सन्दर्भगत नैतिकता सौन्दर्यबोध, नैतिकता एवं सत्य धार्मिक वन तथा यहूदी-ईसाई मरुस्थल पश्चिमी जोकर एवं भारतीय विदूषक 5. अरूपान्तरणीय संस्कृत शब्द बनाम पश्चिमी पाचन कम्पनशील अभिन्न एकता प्रत्यक्ष अनुभव और परम्पराएँ ध्वनि, उसके अर्थ एवं विषय-वस्तु की एकात्मता मन्त्र संस्कृत की खोज संस्कृति ही भारतीय धार्मिक सभ्यता भारतीय संस्कृति एवं अखिल एशियाई सभ्यताएँ अरूपान्तरणीय श्रेणियाँ 6. पश्चिमी सार्वभौमिकता से मुकाबला पाश्चात्य पाचन एवं संश्लेषण विषय के अध्ययन में जर्मनी का स्थान हेगेल का पश्चिमी मिथक पश्चिमी सार्वभौमिकता पर सामान्य प्रतिक्रियाएँ पश्चिमी धर्मनिरपेक्षता—ईसाइयत की दोहरी नीति भारतीय नकली-धर्मनिरपेक्षता उत्तर-औपनिवेशिक समीक्षा आध्यात्मिक समानता का भोलापन निष्कर्ष—पूर्वपक्ष और भविष्य की राह पूर्वपक्ष एवं सापेक्ष धर्म अपेक्षित पश्चिमी प्रतिक्रियाएँ कट्टरपन्थी विरोध इतिहास-केन्द्रिकता की सीमाओं में ही उदारता धर्म के गम्भीर खोजकर्ता धार्मिक गुरुओं को चुनौती गाँधी जी का ‘स्व-धर्म’ और ‘पूर्वपक्ष’ परिशिष्ट क : धर्म की अभिन्न एकता हिन्दू धर्म की ‘ईश्वर-ब्रह्माण्ड-मानव’ सम्बन्धी अभिन्न एकता श्री अरविन्द का प्रत्यावर्तन और क्रमिक विकास का सिद्धान्त ‘अभिन्न एकता’ के प्रति बौद्ध धर्म का दृष्टिकोण दो सत्य और सन्दर्भ हिन्दू और बौद्ध धर्म में अस्मिता की अवधारणाएँ जैन धर्म—परस्पर सम्मान के विविध दृष्टिकोण परिशिष्ट ख : धार्मिक एवं इब्राहमी परम्पराओं की पद्धतियों का प्रणालीय ढाँचा कॉपीराइट पेज